ब्लड शुगर जांचने के लिए खून की जरूरत नहीं!
सेहतराग टीम
अंगुली में खून की बूंद निकालकर ग्लूकोमीटर के स्ट्रिप के जरिये शरीर में ब्लड ग्लूकोज की मात्रा पता करने की तरीका डॉयबिटीज रोगियों की चिकित्सा के क्षेत्र में एक क्रांति थी। इससे घर बैठे डायबिटीज मैनेज करना बेहद आसान हो गया था। अब वैज्ञानिकों ने इससे भी आगे की खोज की है। वैज्ञानिक ऐसी तकनीक ईजाद करने की ओर अग्रसर हैं जिससे मधुमेह पीड़ित लोग आसानी से ब्लड शुगर का स्तर जान सकेंगे। ये तकनीक डिस्पोजेबल पेपर आधारित सेंसर तकनीक है। इस तकनीक की मदद से थूक में ग्लूकोज की मात्रा का पता लगाया जा सकता है। यानी भविष्य में ब्लड ग्लूकोज का स्तर जानने के लिए खून निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पीएच संवेदनशील पेपर के स्ट्रिप का इस्तेमाल आम तौर पर यह देखने के लिए किया जाता है कि तरल पदार्थ की प्रवृति अम्लीय है या क्षारीय। वैज्ञानिक अब इसी सिद्धांत का इस्तेमाल कर पेपर सेंसर तैयार करना चाहते हैं जिससे आसानी से बीमारी के संकेतकों का पता चल सकेगा।
सऊदी अरब में किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केएयूएसटी) की एक टीम ने सेंसर संवेदनशील पेपर तैयार करने के लिए इंकजेट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया।
कंडक्टिंग पॉलीमर से निर्मित इंक का प्रयोग कर टीम ने चमकदार कागज पर माइक्रोस्केल इलेक्ट्रॉड पैटर्न को प्रिंट किया। छोटे इलेक्ट्रॉड के सबसे ऊपर एंजाइम ग्लूकोज ऑक्सीडेज का सेंसिंग लेयर प्रिंट किया गया।
उपलब्ध ग्लूकोज और एंजाइम के बीच जैव रसायन प्रतिक्रिया से तैयार इलेक्ट्रिकल सिग्नल का रक्त शर्करा के स्तर से आसानी से मिलान किया गया।
परिणाम से उत्साहित टीम ने आगे अलग-अलग एंजाइम को मिलाकर इसकी क्षमता को परखने का फैसला किया है।
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